Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 47-48)

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 47-48)

KG - Professional Development

24 Qs

quiz-placeholder

Similar activities

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 49-50)

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 49-50)

KG - Professional Development

22 Qs

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 16-20)

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 16-20)

KG - Professional Development

26 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-12 (2.65-72, 3.1-2)

Bhagavad Gita As It Is DAY-12 (2.65-72, 3.1-2)

KG - Professional Development

22 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-63 (17.26-28, 18.1-8)

Bhagavad Gita As It Is DAY-63 (17.26-28, 18.1-8)

KG - Professional Development

22 Qs

स्वतंत्रता की ओर

स्वतंत्रता की ओर

4th Grade

20 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-17 (3.43, 4.1-9)

Bhagavad Gita As It Is DAY-17 (3.43, 4.1-9)

KG - Professional Development

25 Qs

Ram Mandir

Ram Mandir

KG - Professional Development

20 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-41 (10.30-39)

Bhagavad Gita As It Is DAY-41 (10.30-39)

KG - Professional Development

24 Qs

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 47-48)

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 47-48)

Assessment

Quiz

History, Life Skills, Philosophy

KG - Professional Development

Easy

Created by

Keśava Kṛṣṇa Dāsa

Used 12+ times

FREE Resource

24 questions

Show all answers

1.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

Media Image

उद्धव जी को कौन सी मुक्ति प्राप्त थी? (अध्याय 47)

सारूप्य

सायुज्य

2.

MULTIPLE SELECT QUESTION

45 sec • 1 pt

Media Image

श्रीकृष्ण को दोष देते हुए गोपियों ने किस किस उपमा का उल्लेख किया? (अध्याय 47)

भ्रमर की पुष्प में तभी तक रूचि है जब तक मधु चाहिए

जैसे प्रेमी का धन समाप्त वैसे ही वेश्या की उसमें रूचि

यदि शासन सुरक्षा करने में असमर्थ है तो नागरिक द्वारा त्याग

विद्यार्थी का शिक्षा समाप्त होने पर विद्यालय व गुरु-त्याग

दक्षिणा मिलने पर ब्राह्मण द्वारा यजमान का त्याग

3.

MULTIPLE SELECT QUESTION

2 mins • 1 pt

श्रीकृष्ण की अकृतज्ञता के विषय में राधारानी ने पौर्णमासी से सुने हुए कौन से उदाहरण दिए? (अध्याय 47)

क्षत्रिय की बजाय शिकारी की तरह वालि का वध

स्वार्थ हेतु शूर्पणखा को नाक कान काट कर कुरूप बनाना

उदार बलि महाराज को कौवे जैसे बांधकर धकेलना

दूध पिलाने आई पूतना को मारना

युवा विष्णुप्रिया के होते हुए संन्यास ग्रहण करना

4.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

गोपियों की ही तरह संतजन और महान भक्त क्रूर और कठोरहृदयी कृष्ण के विषय में वार्तालाप करना क्यों नहीं छोड़ पाते?(अध्याय 47)

श्री कृष्ण धोखेबाज हैं और काला जादू चलाकर सबको वश में कर लेते हैं

अद्वय श्रीकृष्ण का तथाकथित निर्दय चरित्र भी उतना ही आस्वादनीय है जितना कि दयालु चरित्र

5.

MULTIPLE SELECT QUESTION

2 mins • 1 pt

Media Image

श्रीमती राधारानी के अनुसार श्रीकृष्ण के लीलामृत की एक बूँद भी कान में पड़ने से क्या होता है? (अध्याय 47)

व्यक्ति तत्काल राग-द्वेष के स्तर से ऊपर उठ जाता है

भौतिक आसक्ति के संदूषण से पूर्णरूपेण मुक्त हो जाता है

भौतिक जगत की सभी प्रिय वस्तुओं का मोह त्याग देता है

साधु बनकर श्रीकृष्ण की खोज में भटकता रहता है

6.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

श्रीमती राधारानी का कृष्ण को दोष देना और उनके विषय में चर्चा का त्याग करने में असमर्थता, श्रेष्ठतम दिव्य भाव ________ के लक्षण हैं | (अध्याय 47)

अतिभाव

दुर्भाव

स्वभाव

महाभाव

7.

MULTIPLE SELECT QUESTION

2 mins • 1 pt

Media Image

भ्रमर रूप में दूत के दोबारा आने पर राधारानी ने कृष्ण के बारे में क्या विचार किया? (अध्याय 47)

श्रीकृष्ण अभी भी मुझ पर कृपालु हैं

उन्होंने मुझे अपने पास बुलाने के लिए भ्रमर को फिर भेजा है

Create a free account and access millions of resources

Create resources
Host any resource
Get auto-graded reports
or continue with
Microsoft
Apple
Others
By signing up, you agree to our Terms of Service & Privacy Policy
Already have an account?