23. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_5.26–6.02

23. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_5.26–6.02

University

45 Qs

quiz-placeholder

Similar activities

28. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_6.40–6.47

28. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_6.40–6.47

University

44 Qs

57. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_13.08-13.14

57. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_13.08-13.14

University

40 Qs

1 2 3 यहुन्ना और यहूदा

1 2 3 यहुन्ना और यहूदा

University

41 Qs

Jainism

Jainism

10th Grade - University

40 Qs

Aradhana

Aradhana

5th Grade - University

40 Qs

23. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_5.26–6.02

23. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_5.26–6.02

Assessment

Quiz

Religious Studies

University

Medium

Created by

Abhay Ram Das

Used 4+ times

FREE Resource

AI

Enhance your content

Add similar questions
Adjust reading levels
Convert to real-world scenario
Translate activity
More...

45 questions

Show all answers

1.

OPEN ENDED QUESTION

1 min • 1 pt

कृपया यहाँ पर अपना नाम लिखें ।

Evaluate responses using AI:

OFF

2.

OPEN ENDED QUESTION

30 sec • 1 pt

कृपया यहाँ पर अपनी आयु लिखें ।

Evaluate responses using AI:

OFF

3.

OPEN ENDED QUESTION

1 min • 1 pt

कृपया यहाँ पर अपना मोबाईल नं0 लिखें ।

Evaluate responses using AI:

OFF

4.

OPEN ENDED QUESTION

2 mins • 1 pt

कृपया यहाँ पर अपना पता लिखें ।

Evaluate responses using AI:

OFF

5.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

निम्न में से किस व्यक्ति की मुक्ति सुनिश्चित नहीं होती है ?

स्वरूपसिद्ध एवं आत्मसंयमी व्यक्ति ।

क्रोध तथा कामेच्छाओं में लिप्त व्यक्ति ।

संसिद्धि के लिए प्रयासरत व्यक्ति ।

अपने गुरु की आज्ञा का पालन करने वाला व्यक्ति ।

6.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

संसिद्धि से आपका क्या अभिप्राय है ?

मनुष्य जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य अर्थात् भगवत्प्रेम प्राप्ति संसिद्धि कहलाती है ।

जीवात्मा की बद्धावस्था की तुलना में मुक्तावस्था संसिद्धि कहलाती है।

जीवात्मा का कृष्णभावनामृत को अंगीकार करना संसिद्धि कहलाता है ।

मनुष्य की अन्यों के प्रति दयालुता संसिद्धि कहलाती है ।

7.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

3 mins • 1 pt

मोक्ष के लिए सतत प्रयत्नशील रहने वाले साधु पुरुषों में कृष्णभावनाभावित व्यक्ति सर्वश्रेष्ठ होता है । ऐसा क्यों ? स्पष्ट करें ।

कृष्णभावनाभावित व्यक्ति को परमसत्य विषयक ज्ञान होता है । अतः वह परमसत्य से योग के लिए प्रत्यक्ष मार्ग अर्थात् कृष्णभावनामृत का अनुशीलन करता है ।

कृष्णभावनाभावित व्यक्ति अपने नियत कर्मों का परित्याग नहीं करता, अपितु अपने नियत कर्मों को परमसत्य से योग के लिए साधन के रूप में क्रियान्वित करता है ।

कृष्णभावनाभावित व्यक्ति इंद्रियभोग की इच्छाओं का कृत्रिम दमन नहीं करता, अपितु अपनी इच्छाओं को कृष्ण की तुष्टि अथवा प्रसन्नता मे अभिनिविष्ट करके, उनकी गुणवत्ता को भौतिकता से आध्यात्मिकता में परिवर्तित कर, कृष्णभावनामृत के पथ पर निरंतर अग्रसर होता है ।

यह सभी कथन कृष्णभावनाभावित व्यक्ति की स्थिति को स्पष्ट करते हैं ।

Create a free account and access millions of resources

Create resources

Host any resource

Get auto-graded reports

Google

Continue with Google

Email

Continue with Email

Classlink

Continue with Classlink

Clever

Continue with Clever

or continue with

Microsoft

Microsoft

Apple

Apple

Others

Others

By signing up, you agree to our Terms of Service & Privacy Policy

Already have an account?