Bhagavad Gita As It Is DAY-50 (13.3-12)

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KG - Professional Development

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Life Skills, Philosophy, Special Education

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Keśava Kṛṣṇa Dāsa

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36 questions

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1.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

5 mins • 1 pt

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भगवद्गीता यथारूप के 13वें अध्याय का क्या नाम है?

विराट रूप

भक्तियोग

प्रकृति, पुरुषोत्तम तथा चेतन

प्रकृति के तीन गुण

2.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

5 mins • 1 pt

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प्रत्येक शरीर (कर्मक्षेत्र) में कितनी आत्मा(एं) हैं जो उस शरीर की ज्ञाता हैं? (13.3)

1

2

असंख्य

3.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

5 mins • 1 pt

भगवान् श्रीकृष्ण परमात्मा रूप में प्रत्येक शरीर के कैसे ज्ञाता हैं? (13.3)

व्यष्टि ज्ञाता

परम ज्ञाता

4.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

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व्यष्टि ज्ञाता जीव और परम ज्ञाता परमात्मा में क्या अंतर है? (13.3)

कोई अंतर नहीं है - आत्मा सो परमात्मा

व्यक्ति भले ही अपने शरीर का ज्ञाता हो, किन्तु उसे अन्य शरीर का ज्ञान नहीं होता

समस्त शरीरों में परमात्मा रूप में विद्यमान भगवान् समस्त शरीरों के विषय में जानते हैं

5.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

अपने शरीर के स्वामी और समस्त शरीरों के स्वामी परमेश्वर के अंतर को बताने के लिए क्या-क्या उदाहरण/कारण दिया गया है? (13.3)

राजा मूल अधिपति है और नागरिक गौण अधिपति

राजा आदि नियामक और नागरिक गौण नियामक

तूलिका और चित्रकार

आत्मा च्युत व अधीन है, परमात्मा अच्युत व श्रेष्ठ

6.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

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ज्ञान किसे कहा जाता है? (13.3)

शरीर, आत्मा तथा परमात्मा की सम्यक जानकारी

आत्मा तथा परमात्मा को एक मानना

चित्रकार, चित्र तथा तूलिका में भ्रम करना

प्रकृति, जीव व दोनों के नियामक को एक समझना

7.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

5 mins • 1 pt

श्रील बलदेव विद्याभूषण के मतानुसार भगवान् किस शब्द से स्वयं को व्यष्टि आत्मा से भिन्न सर्वज्ञ परमात्मा के रूप में सभी शरीरों का ज्ञाता बताते हैं? (13.3)

क्षेत्रज्ञं

चापि

मां

विद्धि

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