रविवार का दिन था। सबकी छुट्टी थी। आसमान साफ था और ठंडी-ठंडी हवा बह रही थी। सूरज की किरणें शहर के ऊपर बिखरी थीं। धूप में गरमी नहीं थी। मौसम सुहावना था। बिलकुल वैसा जैसा एक पिकनिक के लिए होना चाहिये। मन्नू सोचने लगा, काश! आज हम कहीं घूमने जा सकते। मन्नू रसोई में आया। माँ बेसिन में बर्तन धो रही थी।"माँ क्या आज हम कहीं घूमने चल सकते हैं?" मन्नू ने पूछा।"क्यों नही, अगर तुम्हारा स्कूल का काम पूरा हो गया तो हम ज़रूर घूमने चलेंगे।" माँ ने कहा।"मैं आधे घंटे के अंदर स्कूल का काम पूरा कर सकता हूँ।" मन्नू ने कहा।मन्नू स्कूल का काम करने बैठ गया।"हम कहाँ घूमने चलेंगे?" मन्नू ने पूछा।"बाबा और मुन्नी ने गांधी पार्क का कार्यक्रम बनाया है।" माँ ने बताया।"यह पार्क तो हमने पहले कभी नहीं देखा?" मन्नू ने पूछा।"हाँ, इसीलिये तो।" माँ ने उत्तर दिया।मन्नू काम पूरा कर के बाहर आ गया।"क्या गांधी पार्क बहुत दूर है?" मुन्नी ने पूछा।"हाँ, हमें कार से लम्बा सफर करना होगा।" बाबा ने बताया।सुबह के काम पूरे कर के सब लोग तैयार हुए। माँ ने खाने पीने की कुछ चीज़ें साथ में ली और वे सब कार में बैठ कर सैर को निकल पड़े।
कौन सा दिन था ?