54.भगवद गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_12.07–12.14

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1.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

शुद्ध  भक्ति करने पर जीवात्मा को क्या अनुभूति होती है ?

शुद्ध भक्ति करने से भक्त को इस तथ्य की अनुभूति होने लगती है की ईश्वर  महान है और जीवात्मा उनके अधीन है

शुद्ध भक्ति करने से भक्त को यह अनुभूति होती है की जीव का कर्तव्य है भगवान की सेवा करना और यदि जीव भगवान की सेवा ना करे तो उसे माया की सेवा करनी पड़ेगी

उपरोक्त में  से कोई नहीं

उपरोक्त दोनो

2.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

शुद्ध भक्ति के क्या लक्षण हैं ?

शुद्ध भक्ति ज्ञान और कर्म से आवृत होती है

शुद्ध भक्ति अहेतुकी और अप्रतिहता होती है

शुद्ध भक्ति केवल शुद्ध भक्त कर सकता है

उपरोक्त सभी

3.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

कब संसार में कर्म करने से भक्ति कर्म से आवृत हो जाती है ?

कोई भी कर्म करने से भक्ति कर्म से आवृत हो जाती है, इसलिए कर्म करने से बचना चाहिए

 कर्म  से भक्ति आवृत नहीं होती, इसलिए संसार में निरंतर कर्म करते रहना चाहिए

 अगर कर्म कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए नहीं  किया जाए तो कर्म भक्ति को आवृत कर लेगा, चाहे कर्म भक्ति से सम्बंधित ही क्यों ना हो

केवल भक्ति से सम्बंधित कर्म करने चाहिए, क्यूँकि ऐसे कर्म कर्ता की भक्ति को कभी आवृत नहीं करते

4.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

निम्नलिखित में से कौन से भागवत गीत के श्लोक में कृष्ण बताते हैं की अष्टांग योगी भी उन्हें प्राप्त कर सकते हैं किंतु उन्हें भी शरीर त्यागते समय ध्यान योग के बल पर भक्ति भाव में परम पुरुष का ध्यान लगाना पड़ेगा ?

7.14

6.45

8.10

14.6

5.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

कौन से पुराण में यह वर्णन मिलता है की " वैकुंठ में आत्मा को ले आने के लिए भक्त को अष्टांग योग को साधने की आवश्यकता नहीं है, क्यूँकि इसका भार स्वयं कृष्ण अपने ऊपर ले लेते हैं" ?

वराह पुराण

नरसिंह पुराण

श्रीमद् भागवत पुराण

पदम पुराण

6.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

भगवत गीता की श्लोक संख्या 12.8 में कृष्ण कहते हैं की कृष्ण में चित  स्थिर करके और सारी बुद्धि कृष्ण में  स्थिर करके व्यक्ति सदैव कृष्ण में  निवास करेगा ।यहाँ “कृष्ण में निवास करने” का अर्थ क्या है ?

इस प्रकार कार्य करके व्यक्ति शरीर छोड़ने के उपरांत  कृष्ण में लीन हो जाएगा

इस प्रकार  कार्य करने से भक्त सदैव कृष्ण चेतना में  रहेगा

इस प्रकार कार्य करने से भक्त घर छोड़ कर वृंदावन में निवास करने लगेगा

उपरोक्त सभी

7.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

जो साधक अपने मन और बुद्धि को कृष्ण में स्थिर ना कर पाएँ उनको कृष्ण क्या उपदेश करते हैं ?

भक्ति के विधि विधानों का पालन करो और कृष्ण को प्राप्त करने की चाह उत्पन्न करो

संसार को त्याग दो और सन्यास लो

निरंतर कृष्ण की भक्ति में लीन रहो

देवताओं की शरण में जाओ क्यूँकि सभी रास्ते एक ही जगह पहुँचते हैं

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