Explanation
व्याख्याः पहला एवं तीसरा कथन सत्य है तथा दूसरा कथन असत्य है।
वस्तु की ऐसी मद या प्रकार जिनका अंतिम उपयोग उपभोक्ताओं के द्वारा होता है अर्थात् जिन्हें पुनः उत्पादन के प्रक्रम के किसी चरण से गुजरना नहीं पड़ता है अथवा जिनमें पुनः कोई परिवर्तन नहीं होता है, उन्हें अंतिम वस्तु कहते हैं।
कोई वस्तु अपनी प्रकृति के कारण नहीं बल्कि उपयोग की आर्थिक प्रगति की दृष्टि से अंतिम वस्तु बनती है। उदाहरण के लिये घर में बनाया गया भोजन बाज़ार में विक्रय हेतु नहीं जाता है, यद्यपि इसी प्रकार के भोजन बनाने का काम किसी होटल या रेस्त्राँ में किया जाए, जहाँ कि इन पकाए गए पदार्थों का विक्रय उपभोक्ताओं को किया जाता है, तब वही भोजन अंतिम वस्तु कहलाएगी तथा आगत के रूप में गिनी जाएगी जिससे कि आर्थिक मूल्यवर्द्धन होता है।
मध्यवर्ती वस्तुएँ, अन्य वस्तुओं के उत्पादन में कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होती हैं। जैसे- ऑटोमोबाइल निर्माण के लिये इस्पात की चादर का उपयोग और बर्तन बनाने के लिये ताँबे का प्रयोग। ये मध्यवर्ती वस्तुएँ हैं जो प्रायः अन्य वस्तुओं के उत्पादन में कच्चे माल अथवा आगत के रूप में प्रयुक्त होती हैं।