17. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_4.12–4.20

17. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_4.12–4.20

University

51 Qs

quiz-placeholder

Similar activities

42. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_9.19–9.26

42. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_9.19–9.26

University

56 Qs

सुकुमाल मुनिराज की कथा

सुकुमाल मुनिराज की कथा

3rd Grade - Professional Development

51 Qs

माहेश्वरी ज्ञानपति 2020

माहेश्वरी ज्ञानपति 2020

KG - Professional Development

50 Qs

17. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_4.12–4.20

17. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_4.12–4.20

Assessment

Quiz

Religious Studies

University

Medium

Created by

Abhay Ram Das

Used 6+ times

FREE Resource

51 questions

Show all answers

1.

OPEN ENDED QUESTION

1 min • 1 pt

कृपया यहाँ पर अपना नाम लिखें ।

Evaluate responses using AI:

OFF

2.

OPEN ENDED QUESTION

1 min • 1 pt

कृपया यहाँ पर अपनी आयु लिखें ।

Evaluate responses using AI:

OFF

3.

OPEN ENDED QUESTION

1 min • 1 pt

कृपया यहाँ पर अपना मोबाईल न0 लिखें ।

Evaluate responses using AI:

OFF

4.

OPEN ENDED QUESTION

1 min • 1 pt

कृपया यहाँ पर अपना पता लिखें ।

Evaluate responses using AI:

OFF

5.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

1 min • 1 pt

इस संसार में मनुष्य सकाम कर्मों (Fruitive actions) में सिद्धि क्यों चाहते हैं ?

क्योंकि इस संसार में मनुष्य को सकाम कर्मों के फल शीघ्र प्राप्त होते हैं ।

क्योंकि मनुष्य जीवन का चरम उद्देश्य काम सकाम कर्मों में सिद्धि प्राप्त करना ही है ।

क्योंकि जीव को मनुष्य के रूप में जीवन निर्वाह करने के लिए सकाम कर्म ही सहायक होते हैं ।

क्योंकि सकाम कर्म ही इस संसार में जीवन के मुख्य स्रोत हैं ।

6.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

1 min • 1 pt

श्लोक संख्या 4.12 में श्रील प्रभुपाद जी ने "विद्वत्ता का दम्भ करने वाले अल्पज्ञ मनुष्य" इनमें से किसे कहा है ?

सकाम कर्मियों को - जो अपनी भौतिक इन्द्रियतृप्ति के लिए देवताओं को परमेश्वर के विभिन्न रूप मानकर उनकी पूजा करते हैं ।

निष्काम कर्मियों को - जो केवल भगवान् की इंद्रियों की तुष्टि के लिए कर्मफलों की इच्छाओं के रहित कर्म करते हैं ।

मायावादियों को - जो निर्विशेष ब्रह्म में लीन होने के अपने सम्पूर्ण ज्ञान का उपयोग करते हैं ।

तथाकथित दार्शनिकों को - जो अपने शुष्क चिंतन से उत्पन्न मनोधर्म द्वारा परमेश्वर को समझने का प्रयास करते रहते हैं ।

7.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

1 min • 1 pt

वास्तव में देवता क्या होते हैं ? निम्न में से पहचानें ।

शक्तिप्रदत्त जीवात्माएँ

परमेश्वर की विभिन्न शक्तियाँ

परमेश्वर के विभिन्न रूप

विभिन्न लोकों के परमेश्वर

Create a free account and access millions of resources

Create resources

Host any resource

Get auto-graded reports

Google

Continue with Google

Email

Continue with Email

Classlink

Continue with Classlink

Clever

Continue with Clever

or continue with

Microsoft

Microsoft

Apple

Apple

Others

Others

By signing up, you agree to our Terms of Service & Privacy Policy

Already have an account?