21. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_5.07–5.15

21. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_5.07–5.15

University

45 Qs

quiz-placeholder

Similar activities

Peace Carnival 2020

Peace Carnival 2020

5th Grade - Professional Development

44 Qs

29. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_7.01–7.07

29. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_7.01–7.07

University

50 Qs

43. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_9.27–9.31

43. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_9.27–9.31

University

47 Qs

40. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_9.09–9.12

40. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_9.09–9.12

University

43 Qs

66.श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_16.01-16.06

66.श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_16.01-16.06

University

42 Qs

माहेश्वरी ज्ञानपति 2020

माहेश्वरी ज्ञानपति 2020

KG - Professional Development

50 Qs

Jain Tattva Vidya Section 4, Chapter 1-6

Jain Tattva Vidya Section 4, Chapter 1-6

KG - Professional Development

50 Qs

33. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_7.24–7.28

33. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_7.24–7.28

University

44 Qs

21. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_5.07–5.15

21. श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप_प्रश्नोत्तरी श्रृंखला_5.07–5.15

Assessment

Quiz

Religious Studies

University

Medium

Created by

Abhay Ram Das

Used 4+ times

FREE Resource

45 questions

Show all answers

1.

OPEN ENDED QUESTION

1 min • 1 pt

कृपया यहाँ पर अपना नाम लिखें।

Evaluate responses using AI:

OFF

2.

OPEN ENDED QUESTION

30 sec • 1 pt

कृपया यहाँ पर अपनी आयु लिखें।

Evaluate responses using AI:

OFF

3.

OPEN ENDED QUESTION

1 min • 1 pt

कृपया यहाँ पर अपना मोबाईल न0 लिखें।

Evaluate responses using AI:

OFF

4.

OPEN ENDED QUESTION

2 mins • 1 pt

कृपया यहाँ पर अपना पता लिखें।

Evaluate responses using AI:

OFF

5.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

3 mins • 1 pt

अब तक श्रीमद्भगवद्गीता के दूसरे, तीसरे व चौथे अध्याय में हमने पढ़ा कि हमें द्वन्द्वातीत होना चाहिए, अर्थात् प्रत्येक द्वन्द्व में बिना विचलित हुए सम्भाव होकर कर्म करना चाहिए । श्लोक संख्या 5.7 में श्रील प्रभुपाद जी ने अविचलित भाव या समभाव को विकसित करने की प्रक्रिया का वर्णन किया है । अतः निम्नलिखित में से इस प्रक्रिया को पहचानें ।

कृष्णभावनाभावित कर्म - चेतना का शुद्धिकरण - मन का नियंत्रण - इंद्रियों का संयमन - मन कृष्ण में स्थिर = अविचलित भाव ।

कृष्णभावनाभावित कर्म - चेतना का शुद्धिकरण - बुद्धि का प्रक्षेपण - इंद्रियों का संयमन - बुद्धि का कृष्ण में स्थिर होना = अविचलित भाव ।

कृष्णभावनाभावित कर्म - चेतना का स्पष्टीकरण - मन का नियंत्रण - इंद्रियों का संयमन - बुद्धि कृष्ण में स्थिर = अविचलित भाव ।

कृष्णभावनाभावित कर्म - चेतना का शुद्धिकरण - मन का नियंत्रण - इंद्रियों का संयमन - मन चेतना में स्थिर = अविचलित भाव ।

6.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

निम्नलिखित में से संयमित इंद्रियों वाले (अर्थात् कृष्णभावनाभावित) व्यक्ति के क्या लक्षण होते हैं ?

कृष्ण कथा के अतिरिक्त कुछ न सुनना ।

कृष्ण को अर्पित किए हुए भोजन के उच्छिष्ट को प्रसाद स्वरूप ग्रहण करना ।

कृष्ण से संबंधित स्थलों के अतिरिक्त अन्य स्थानों का भ्रमण न करना ।

यह सभी लक्षण संयमित इंद्रियों वाले कृष्णभावनाभावित व्यक्ति के होते हैं ।

7.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

2 mins • 1 pt

इनमें से सर्वप्रिय व्यक्ति का क्या लक्षण नहीं होता है ?

वह भक्त्याभाव से कर्म करता है ।

वह विशुद्ध आत्मा होता है अर्थात् उसकी चेतना शुद्ध होती है ।

उसका मन तथा इंद्रियाँ उसके वश में होती हैं ।

यह सभी लक्षण सर्वप्रिय व्यक्ति के होते हैं ।

Create a free account and access millions of resources

Create resources
Host any resource
Get auto-graded reports
or continue with
Microsoft
Apple
Others
By signing up, you agree to our Terms of Service & Privacy Policy
Already have an account?