मानव तथा समाज में परस्पर घनिष्ठ संबंध है। मनुष्य अपनी व्यक्तिगत उन्नति करते हुए भी सामाजिक संबंध के लिए सदा व्याकुल रहता है। समाज एक परिवर्तनशील इकाई है। युग परिवर्तन के साथ समाज अपना स्वरूप बदलता रहता है। आधुनिक युग में समाज गाँव या नगर तक सीमित नहीं रहा। आज उसका क्षेत्र देश के कोने-कोने तक विस्तीर्ण हो गया है। इसी कारण प्रभात होते ही मनुष्य अपने इस विस्तृत समाज का ज्ञान प्राप्त करने के लिए बेचैन रहता है। इसकी जानकारी प्राप्त करने का सरल, सुलभ और सस्ता साधन है- समाचार पत्र। समाचार पत्रों के इतिहास से यही स्पष्ट होता है कि इसका जन्म सातवीं शताब्दी में चीन में हुआ था। इसका प्रारंभिक रूप इतना विकसित नहीं था। मुद्रण कला के आविष्कार के बाद सन् 1609 में जर्मनी से सर्वप्रथम समाचार पत्र प्रकाशित हुए। 1662 में ब्रिटेन ने भी इस ओर ध्यान दिया और समाचार पत्रों का प्रकाशन आरंभ किया। भारत में इसका जन्म ब्रिटिश काल में हुआ। सन् 1835 में यहाँ से सर्वप्रथम ‘इंडिया गजट’ प्रकाशित हुआ। तत्पश्चात इनकी संख्या बढ़ती गई। हिंदी का प्रथम समाचार पत्र उदंत मार्तंड नाम से प्रकाशित हुआ। समय एवं परिस्थितियों के साथ-साथ इनकी संख्या बढ़ती गई जिससे संख्या में वृद्धि हुई।
(क)ब्रिटेन में समाचार
पत्रों का प्रकाशन कब प्रारंभ हुआ?