Explanation
व्याख्याः हेस ने 1961 में एक परिकल्पना प्रस्तुत की, जिसे ‘सागरीय अधस्तल विस्तार’ के नाम से जाना जाता है। इस परिकल्पना का प्रमुख आधार था-
1. मध्य-महासागरीय कटकों के साथ-साथ ज्वालामुखी उद्गार एक सामान्य क्रिया है और ये उद्गार इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में लावा बाहर निकालते हैं।
2. महासागरीय कटक के मध्य भाग के दोनों तरफ समान दूरी पर पाई जाने वाली चट्टानों के निर्माण समय, संरचना, संगठन और चुम्बकीय गुणों में समानता पाई जाती है।
3. महासागरीय पर्पटी की चट्टानें महाद्वीपीय पर्पटी की चट्टानों की अपेक्षा अधिक नई हैं।
4. गहरी खाइयों में भूकंप उद्गम केंद्र अधिक गहराई पर है, जबकि मध्य-महासागरीय कटकों के क्षेत्र में भूकंप उद्गम केंद्र कम गहराई में है।