Explanation
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।
जंतु के शरीर को ढँकने या बाह्य रक्षा प्रदान करने वाले ऊतक एपिथीलियमी ऊतक कहलाते हैं। आकृति और कार्य के आधार पर एपिथीलियमी ऊतक को शल्की, घनाकार, स्तम्भाकार, रोमीय तथा ग्रंथिल श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।
संयोजी ऊतक की कोशिकाएँ आपस में जुड़ी रहती हैं और अंतरकोशिकीय आधात्री (matrix) में धँसी होती हैं। हमारे शरीर में विद्यमान संयोजी ऊतकों के विभिन्न प्रकार हैं: एरिओलर ऊतक, एडीपोज़ (वसामय) ऊतक, अस्थि, कंडरा, स्नायु, उपास्थि तथा रक्त।
पेशी ऊतक लंबी कोशिकाओें का बना होता है। पेशियों में गति उनमें पाए जाने वाले विशेष प्रकार की प्रोटीन (सिकुड़ने वाली प्रोटीन-Contractile protein) के कारण होती है। पेशीय ऊतक के तीन प्रकार होते हैं- रेखित, अरेखित और कार्डियक (हृदय पेशी)।
तंत्रिका ऊतक न्यूरॉन का बना होता है जो संवेदना को प्राप्त और संचालित करता है। मस्तिष्क, मेरुरज्जु तथा तंत्रिकाएँ (Nerves) सभी तंत्रिका ऊतकों की बनी होती हैं।
तंत्रिका तथा पेशीय ऊतकों का कार्यात्मक संयोजन प्रायः सभी जीवों में मौलिक है। साथ ही, यह संयोजन उत्तेजना के अनुसार जंतुओं को तेज़ गति प्रदान करता है।