गिरिधर कविराय की कुंडलियाँ

गिरिधर कविराय की कुंडलियाँ

10th Grade

28 Qs

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गिरिधर कविराय की कुंडलियाँ

गिरिधर कविराय की कुंडलियाँ

Assessment

Quiz

Physics

10th Grade

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Nitin sir

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28 questions

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1.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

लाठी में गुण बहुत हैं, सदा राखिये संग। गहरि, नदी, नारी जहाँ, तहाँ बचावै अंग।। तहाँ बचावे अंग, झपटि कुत्ता कहँ मारै। दुश्मन दावागीर, होयँ तिनहूँ को झारै।। कह ’गिरिधर कविराय’ सुनो हो धूर के बाठी। सब हथियार न छाँड़ि, हाथ महँ लीजै लाठी ।।

गिरिधर कविराय के अनुसार लाठी में कौन सा गुण नहीं है?

गहरी नदी, नाले से बचाव

कुत्ते को भगाना

दुश्मनों को हराना

धन-दौलत कमाना

2.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

लाठी में गुण बहुत हैं, सदा राखिये संग। गहरि, नदी, नारी जहाँ, तहाँ बचावै अंग।। तहाँ बचावे अंग, झपटि कुत्ता कहँ मारै। दुश्मन दावागीर, होयँ तिनहूँ को झारै।। कह ’गिरिधर कविराय’ सुनो हो धूर के बाठी। सब हथियार न छाँड़ि, हाथ महँ लीजै लाठी ।।

लाठी किस स्थिति में हमारी सहायता नहीं करती?

कुत्ते के काटने से

दुश्मन से लड़ने में

नदी पार करने में

आग बुझाने में

3.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

लाठी में गुण बहुत हैं, सदा राखिये संग। गहरि, नदी, नारी जहाँ, तहाँ बचावै अंग।। तहाँ बचावे अंग, झपटि कुत्ता कहँ मारै। दुश्मन दावागीर, होयँ तिनहूँ को झारै।। कह ’गिरिधर कविराय’ सुनो हो धूर के बाठी। सब हथियार न छाँड़ि, हाथ महँ लीजै लाठी ।।

कवि सब हथियारों को छोड़कर लाठी रखने की बात क्यों कह रहे हैं?

क्योंकि लाठी सस्ती है

क्योंकि लाठी आत्मरक्षा के लिए सदैव उपयोगी है और इससे कोई खतरा नहीं है

क्योंकि लाठी सुंदर दिखती है

क्योंकि कवि को लाठी चलाना आता है

4.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

लाठी में गुण बहुत हैं, सदा राखिये संग। गहरि, नदी, नारी जहाँ, तहाँ बचावै अंग।। तहाँ बचावे अंग, झपटि कुत्ता कहँ मारै। दुश्मन दावागीर, होयँ तिनहूँ को झारै।। कह ’गिरिधर कविराय’ सुनो हो धूर के बाठी। सब हथियार न छाँड़ि, हाथ महँ लीजै लाठी ।।

'दावागीर' शब्द का अर्थ क्या है?

दावा करने वाला, लुटेरा

दयालु

दान देने वाला

दरवाज़ा

5.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

कमरी का उपयोग क्या नहीं है?

गठरी बाँधना

बिछाना

मान-सम्मान बढ़ाना

हथियार

6.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

कमरी थोड़े दाम की, बहुतै आवै काम।

खासा मलमल वाफ्ता, उनकर राखै मान।।

उनकर राखै मान, बँद जहँ आड़े आवै।

बकुचा बाँधे मोट , राति को झारि बिछावै।।

कह ’’ गिरिधर कविराय’’, मिलत है थोरे दमरी।

सब ।गिरिधर कविराय के अनुसार कमरी की विशेषता क्या नहीं है?

कम मूल्यवान

सर्दी से बचाव

सामान ढोने में उपयोगी

लड़ाई में उपयोगी

7.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

कमरी थोड़े दाम की, बहुतै आवै काम। खासा मलमल वाफ्ता, उनकर राखै मान।। उनकर राखै मान, बँद जहँ आड़े आवै। बकुचा बाँधे मोट, राति को झारि बिछावै।। कह ’’ गिरिधर कविराय’’, मिलत है थोरे दमरी। सब दिन राखै साथ, बड़ी मर्यादा कमरी।।

“बकुचा बाँधे मोट, राति को झारि बिछावै’’ पंक्ति का क्या अर्थ है?

कमरी को गठरी बनाकर रात को बिछाया जा सकता है

कमरी को रात में धोना चाहिए

कमरी को रात में पहनना चाहिए

कमरी को रात में बेचना चाहिए

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