Bhagavad Gita As It Is DAY-63 (17.26-28, 18.1-8)

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1.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

ॐ तत् सत् शब्दों का उच्चारण कहाँ-कहाँ किया जाता है? (17.26-27)

वैदिक संस्कारों के समय

दीक्षित करते व यज्ञोपवीत कराते समय

भगवान् के मन्दिर में भोजन पकाना

सभी प्रकार के यज्ञ करते समय

भगवान् के यश का प्रसार करने वाला कोई भी कार्य

2.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

प्रशस्ते कर्मणि - शब्द क्या सूचित करते हैं? (17.26-27)

वैदिक साहित्य में नियत कर्त्तव्य

गर्भाधान से लेकर मृत्यु तक के शुद्धिकरण संस्कार

अच्छे कर्म करने पर मिला प्रशस्ति पत्र (सर्टिफिकेट)

प्रशंसा के लिए किये गए कर्म

3.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

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इनमें से क्या सही नहीं है? (17.26-27)

वैदिक संस्कार जीव की चरम मुक्ति के लिए होते हैं

कृष्णभावनामृत कार्यों में सचेष्ट रहने वाला साधु है

कृष्णभावनामृत में कर्म करना सत् है

भक्तसंग से आध्यात्मिक विषय भ्रष्ट हो जाता है

परम सत्य भक्तिमय यज्ञ का लक्ष्य है

4.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

श्रद्धा तथा समुचित मार्गदर्शन के बिना किये गए यज्ञ, दान व तप के विषय में क्या सही है? (17.28)

वह शाश्वत व अनश्वर है

वह सत् कहलाता है

इस जन्म तथा अगले जन्म – दोनों में व्यर्थ जाता है

इस प्रकार किये कार्य अत्यंत उत्कृष्ट हैं

सब प्रकार से सफल होने का यही मार्ग है

5.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

समस्त जीवों के चरम लक्ष्य, श्रद्धा की परिपक्व अवस्था, ईश्वरप्रेम प्राप्त करने की क्या विधि है? (17.28)

पहले देवताओं, भूतों, यक्षों की पूजा से आकृष्ट हो

शुद्धभक्तों के संग से सीधे कृष्णभावनामृत स्वीकारे

उपयुक्त गुरु प्राप्त करके उसके निर्देशन में प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए

6.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

Media Image

अर्जुन ने भगवान् को किन नामों से सम्बोधित किया है? (18.1)

संन्यासी

महाबाहु

त्यागी

हृषीकेश

केशिनिषूदन

7.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

Media Image

भगवान् के समस्त सन्देश का क्या लक्ष्य है? (18.1)

भगवान् की सेवा ही जीवन का चरम लक्ष्य है

ॐ तत् सत् - शब्द परम पुरुष विष्णु के सूचक हैं

सारे कार्यों को परमेश्वर से युक्त होना चाहिए

वास्तव में वेदान्त सूत्र भक्ति को समझने के लिए हैं

प्रत्येक शास्त्र, प्रत्येक वेद का लक्ष्य भक्ति है

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