Samaysar Gatha 39-49

Samaysar Gatha 39-49

Professional Development

20 Qs

quiz-placeholder

Similar activities

Quiz 2 - Aao Chale Pathsala

Quiz 2 - Aao Chale Pathsala

Professional Development

15 Qs

रामायण के प्रश्न

रामायण के प्रश्न

Professional Development

15 Qs

पाठशाला Quiz

पाठशाला Quiz

KG - Professional Development

15 Qs

Gen10 - 11

Gen10 - 11

Professional Development

21 Qs

Gen46-48

Gen46-48

Professional Development

21 Qs

हमारे तीर्थंकर

हमारे तीर्थंकर

Professional Development

15 Qs

Day 3 Quiz - Shree Tarnam Sanskaar E Shivir

Day 3 Quiz - Shree Tarnam Sanskaar E Shivir

KG - Professional Development

20 Qs

Topic-8- Quiz - Niyam kyu le?

Topic-8- Quiz - Niyam kyu le?

KG - Professional Development

15 Qs

Samaysar Gatha 39-49

Samaysar Gatha 39-49

Assessment

Quiz

Religious Studies

Professional Development

Hard

Created by

Vishal Patni

Used 3+ times

FREE Resource

AI

Enhance your content in a minute

Add similar questions
Adjust reading levels
Convert to real-world scenario
Translate activity
More...

20 questions

Show all answers

1.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

1 min • 1 pt

आचार्य कुन्दकुन्द विरचित समयसार परमागम के गाथा ३९ के अनुसार आत्मा को नहीं जाननेवाले पर को ही आत्मा माननेवाले कई मूढ़ लोग तो किसे जिव मानते है ?

अध्यवसान

कर्म

नोकर्म

कर्मो के उदय

सभी

2.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

1 min • 1 pt

आचार्य कुन्दकुन्द विरचित समयसार परमागम के गाथा ३९ के अनुसार आत्मा को नहीं जाननेवाले अध्यवसान और कर्म को ही आत्मा माननेवाले लोग कैसे है

सत्यार्थवादी

असत्यार्थवादी

व्यवहारवादी

सभी

3.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

1 min • 1 pt

आचार्य कुन्दकुन्द विरचित समयसार परमागम के गाथा ३९ के अनुसार पुद्गल से भिन्न परमार्थ से जीव का स्वरूप__________को दिखाई देता है

सर्वज्ञ

सम्यक्दृष्टि

मिथ्यादृष्टि

सभी

4.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

1 min • 1 pt

आचार्य कुन्दकुन्द विरचित समयसार परमागम के गाथा ३९ के अनुसार कुछ लोग (मत) अध्यावसन को ही जिव क्यों मानते है

जिसप्रकार कालेपन से भिन्न कोई कोयला दिखाई नहीं देता

जिसप्रकार कालेपन से भिन्न कोई कोयला दिखाई नहीं देता

दोनों

5.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

1 min • 1 pt

आचार्य कुन्दकुन्द विरचित समयसार परमागम के गाथा ३९ के अनुसार अध्यावसन अर्थात क्या ?

मिथ्या-अभिप्राय

राग-द्वेष

विभाव परिणाम

मिथ्या-अभिप्राय सहित विभाव परिणाम

6.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

1 min • 1 pt

आचार्य कुन्दकुन्द विरचित समयसार परमागम के गाथा ३९ बताये हुए एक मत के अनुसार अनादि जिसका पूर्व अवयव है और अनन्त जिसका भविष्य का अवयव है - ऐसी एक संसरण (भ्रमण) रूप जो क्रिया है, उस रूप से क्रीड़ा करता हुआ _________ ही जीव है; क्योंकि ______ से भिन्न अन्य कोई जीव दिखाई नहीं देता ।

कर्म

अध्यवसाय

नोकर्म

राग द्वेष

7.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

1 min • 1 pt

आचार्य कुन्दकुन्द विरचित समयसार परमागम के गाथा ३९ बताये हुए एक मत के अनुसार तीव्र-मंद अनुभव से भेदरूप होते हुए, दुरन्त (जिसका अन्त दूर है ऐसे) रागरूप रस से भरे हुए ________ की संतति ही जीव है; क्योंकि उससे भिन्न अन्य कोई जीव दिखाई नहीं देता

कर्म

अध्यवसाय

नोकर्म

राग द्वेष

Create a free account and access millions of resources

Create resources

Host any resource

Get auto-graded reports

Google

Continue with Google

Email

Continue with Email

Classlink

Continue with Classlink

Clever

Continue with Clever

or continue with

Microsoft

Microsoft

Apple

Apple

Others

Others

By signing up, you agree to our Terms of Service & Privacy Policy

Already have an account?