चैप्टर 5	विधायिका【LIVE🔴】

चैप्टर 5 विधायिका【LIVE🔴】

11th Grade

19 Qs

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चैप्टर 5	विधायिका【LIVE🔴】

चैप्टर 5 विधायिका【LIVE🔴】

Assessment

Quiz

Social Studies

11th Grade

Hard

Created by

Manish Kumar

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19 questions

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1.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

45 sec • 5 pts

निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-

1. कानून बनाना केवल एक विधायी प्रक्रिया ही नहीं,बल्कि राजनीतिक प्रक्रिया भी है।

2. मंत्री के अतिरिक्त कोई और सदस्य विधेयक पेश करे तो ऐसे विधेयक को ‘निजी विधेयक’ कहते हैं।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

केवल 1

1 और 2 दोनों

केवल 2

न तो 1 और न ही 2

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः कानून बनाना केवल एक विधायी प्रक्रिया ही नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रक्रिया भी है क्योंकि अनेक हित-समूह, मीडिया और नागरिक संगठन भी किसी विधेयक को लाने के लिये सरकार पर दबाव डाल सकते हैं। मंत्री के अतिरिक्त कोई सदस्य विधेयक पेश करे तो ऐसे विधेयक को ‘निजी सदस्यों का विधेयक’ कहते हैं। मंत्री के द्वारा प्रस्तुत विधेयक को सरकारी विधेयक कहते हैं। विधेयक जिस मंत्रालय से सम्बद्ध होता है, वही मंत्रालय उसका प्रारूप बनाता है। लोक सभा या राज्य सभा में कोई भी सदस्य इस विधेयक को पेश कर सकता है (जिस विषय का विधेयक हो उस विषय से जुड़ा मंत्री ही अकसर विधेयक पेश करता है)। किसी धन विधेयक को सिर्फ लोक सभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है। लोक सभा में पारित होने के बाद उसे राज्य सभा में भेजा जा सकता है।

2.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

45 sec • 5 pts

दलबदल सम्बन्धित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-

1. यदि कोई सदस्य अपने दल के नेतृत्व के आदेश के बावजूद सदन में उपस्थित न हो या निर्देशन के विपरीत मतदान करे या स्वेच्छा से दल की सदस्यता से त्यागपत्र दे देता है तो इसे दलबदल कहते हैं।

2. दलबदल विवादों पर अन्तिम निर्णय सदन के अध्यक्ष का होता है।

3. 52वें संविधान संशोधन के माध्यम से दलबदल निरोधक कानून लाया गया।

4. दलबदल सिद्ध होने पर उक्त सदस्य की सदन में सदस्यता समाप्त हो जाती है साथ ही उस व्यक्ति को किसी भी राजनैतिक पद हेतु भी अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

केवल 1 और 4

केवल 1, 2 और 3

केवल 2 और 4

उपरोक्त सभी।

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः

52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 के द्वारा दलबदल निरोधक कानून लाया गया।

91वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 के द्वारा इस कानून को और सशक्त बनाया गया।

दलबदल विवादों का निर्णय सदन के अध्यक्ष/सभापति द्वारा किया जाता है।

3.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

45 sec • 5 pts

निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-

1. संविधान में संसद की कार्यवाही को सुचारु ढंग से संचालित करने सम्बन्धी प्रावधानों का उल्लेख नहीं है।

2. सदन का अध्यक्ष विधायिका की कार्यवाही के मामलों में सर्वोच्च अधिकारी होता है।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

केवल 1

केवल 2

1 व 2 दोनों

न तो 1 और न ही 2

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः संविधान में संसद की कार्यवाही को सुचारु ढंग से संचालित करने सम्बन्धी प्रावधानों का स्पष्ट उल्लेख है। अतः कथन (1) असत्य है। सदन का अध्यक्ष विधायिका की कार्यवाहियों के मामलों में सर्वोच्च अधिकारी होता है।

4.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

45 sec • 5 pts

निम्नलिखित कथनों पर ध्यानपूर्वक विचार करें-

1. स्थायी समितियों के अतिरिक्त, संयुक्त संसदीय समितियों का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है।

2. संयुक्त समितियों में लोक सभा के सदस्य ही होते हैं।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

केवल 1

केवल 2

1 व 2 दोनों

न तो 1 और न ही 2

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः स्थायी समितियों के अतिरिक्त संयुक्त संसदीय समितियों का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है। इन समितियों में दोनों सदनों के सदस्य मौजूद होते हैं।

5.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

45 sec • 5 pts

संसदीय समितियों के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-

1. ये समितियाँ कानून बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

2. ये सदन के दैनिक कार्यों में कोई भूमिका नहीं निभाती हैं।

3. समितियाँ केवल सदन के अधिवेशन के समय ही कार्यरत रहती हैं।

4. ये समितियाँ विभिन्न विभागों के द्वारा किये गए खर्चों की जाँच, भ्रष्टाचार के मामलों की पड़ताल आदि करती हैं।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

केवल 1 और 4

केवल 1, 2 और 3

केवल 1 और 3

केवल 1, 3 और 4

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः संसदीय समितियाँ कानून बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ-साथ सदन के दैनिक कार्यों में भी भूमिका निभाती हैं। अतः कथन (1) सत्य व (2) असत्य है। समितियाँ सदन का अधिवेशन होने या न होने दोनों ही स्थितियों में कार्यरत रहती हैं। अतः कथन (3) असत्य है। ये समितियाँ विभिन्न विभागों के द्वारा किये कार्यों की जाँच, भ्रष्टाचार के मामलों की पड़ताल करती हैं। अतः कथन (4) सत्य है।

6.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

45 sec • 5 pts

निम्नलिखित कथनों पर ध्यानपूर्वक विचार करें-

1. सरकारी कार्यक्रमों को लागू करने के लिये वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था बजट के द्वारा की जाती है।

2. संसदीय स्वीकृति के लिये बजट बनाना और उसे पेश करना सरकार की संवैधानिक ज़िम्मेदारी है।

3. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और संसद की लोक-लेखा समिति की रिपोर्ट के आधार पर विधायिका धन के दुरुपयोग के मामलों की जाँच कर सकती है।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य नहीं है/हैं?

केवल 1 और 2

केवल 2 और 3

केवल 3

उपरोक्त में से कोई नहीं

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः दिये गए सभी कथन सत्य हैं। संविधान के अनुच्छेद 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) के संबंध में प्रावधान है। सरकार के कार्यक्रमों को लागू करने के लिये वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था, बजट के द्वारा की जाती है। संसदीय स्वीकृति के लिये बजट बनाना और उसे पेश करना सरकार की संवैधानिक ज़िम्मेदारी है। इसी ज़िम्मेदारी के कारण विधायिका को कार्यपालिका के ‘खजाने’ पर निंयत्रण करने का अवसर मिल जाता है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और संसद की लोक-लेखा समिति की रिपोर्ट के आधार पर धन के दुरुपयोग के मामलों की जाँच कर सकती है। लेकिन संसदीय नियंत्रण का एकमात्र उद्देश्य सरकारी धन के सदुपयोग को सुनिश्चित करना नहीं होता, वित्तीय नियंत्रण द्वारा विधायिका सरकार की नीतियों पर भी नियंत्रण करती है।

7.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

45 sec • 5 pts

संसद की कार्यवाही के दौरान किस काल में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देने के लिये मंत्री बाध्य नहीं हैं?

प्रश्न काल

शून्यकाल

a व b दोनों

न तो a और न ही b

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः संसद के अधिवेशन के समय प्रतिदिन प्रश्न काल में मंत्रियों को तीखे प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। शून्यकाल में सदस्य किसी भी महत्त्वपूर्ण मुद्दे को उठा सकते हैं, पर मंत्री उसका उत्तर देने के लिये बाध्य नहीं हैं।

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