Explanation
व्याख्याः महासागरीय जल के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारक हैं - अक्षांश, स्थल एवं जल का असमान वितरण, सनातन पवनें तथा महासागरीय धाराएँ।
अक्षांश - विषुवत वृत्त से ध्रुवों की ओर जाने पर सौर विकरण की मात्रा घटने लगती है जिसके कारण महासागरीय सतहों का तापमान घटता चला जाता है।
स्थल एवं जल का असमान वितरण – उत्तरी गोलार्द्ध के महासागर दक्षिणी गोलार्द्ध के महासागरों की अपेक्षा स्थल के बहुत बड़े भाग से जुड़े होने के कारण अधिक मात्रा में ऊष्मा प्राप्त करते हैं।
सनातन पवनें - स्थल से महासागरों की तरफ बहने वाली पवनें महासागरों के सतही गर्म जल को तट से दूर धकेल देती हैं, जिसके परिणामस्वरूप नीचे का ठंडा जल ऊपर की ओर आ जाता है। परिणामस्वरूप, तापमान में देशांतरीय अंतर आता है। इसके विपरीत, अभितटीय पवनें गर्म जल को तट पर जमा कर देती हैं और इससे तापमान बढ़ जाता है।
महासागरीय धाराएँ - गर्म महासागरीय धाराएँ ठंडे क्षेत्रों में तापमान को बढ़ा देती हैं, जबकि ठंडी धाराएँ गर्म महासागरीय क्षेत्रों में तापमान को घटा देती हैं।