Bhagavad Gita As It Is DAY-25 (6.9-18)

Bhagavad Gita As It Is DAY-25 (6.9-18)

KG - Professional Development

26 Qs

quiz-placeholder

Similar activities

Bhagavad Gita As It Is DAY-63 (17.26-28, 18.1-8)

Bhagavad Gita As It Is DAY-63 (17.26-28, 18.1-8)

KG - Professional Development

22 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-17 (3.43, 4.1-9)

Bhagavad Gita As It Is DAY-17 (3.43, 4.1-9)

KG - Professional Development

25 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-41 (10.30-39)

Bhagavad Gita As It Is DAY-41 (10.30-39)

KG - Professional Development

24 Qs

शिक्षण अधिगम के सिद्धांत 1

शिक्षण अधिगम के सिद्धांत 1

Professional Development

25 Qs

SNS_IQ_1

SNS_IQ_1

Professional Development

25 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-12 (2.65-72, 3.1-2)

Bhagavad Gita As It Is DAY-12 (2.65-72, 3.1-2)

KG - Professional Development

22 Qs

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 49-50)

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 49-50)

KG - Professional Development

22 Qs

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 16-20)

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 16-20)

KG - Professional Development

26 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-25 (6.9-18)

Bhagavad Gita As It Is DAY-25 (6.9-18)

Assessment

Quiz

Life Skills, Philosophy, Special Education

KG - Professional Development

Easy

Created by

Keśava Kṛṣṇa Dāsa

Used 28+ times

FREE Resource

26 questions

Show all answers

1.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

किन-किन को समान भाव से देखने पर व्यक्ति और भी उन्नत माना जाता है? (6.9)

निष्कपट हितैषियों

तटस्थों

ईर्ष्यालुओं

पुण्यात्माओं

पापियों

2.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

Media Image

कृष्ण की अनुभूति किन-किन रूपों में होती है? (6.10)

ब्रह्म

परमात्मा

श्रीभगवान्

ब्रह्मा

शिव

3.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

इनमें से कौन अपूर्ण रूप में कृष्णभावनाभावित होते हैं? (6.10)

कृष्ण की आध्यात्मिक किरण, निराकार ब्रह्म के प्रति आसक्त निर्विशेषवादी

कृष्ण के सर्वव्यापी आंशिक विस्तार, अन्तर्यामी परमात्मा के प्रति आसक्त ध्यानयोगी

भगवान् की दिव्य प्रेमाभक्ति में निरन्तर प्रवृत्त, प्रत्यक्ष कृष्णभावनाभावित व्यक्ति

4.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

Media Image

किस अवस्था में व्यक्ति परिग्रहत्व या संग्रह भाव से मुक्त हो सकता है? (6.10)

पूर्ण संकल्प कर लेने पर उन व्यर्थ की वस्तुओं के पीछे नहीं पड़कर जो परिग्रह भाव में उसे फँसा लें

प्रत्यक्षतः कृष्णभावनामृत, जिसका अर्थ है – आत्मोसर्ग जिसमें संग्रहभाव के लिए लेशमात्र स्थान नहीं होता

जब मनुष्य किसी वस्तु के प्रति आसक्त न रहते हुए कृष्ण से सम्बन्धित हर वस्तु को स्वीकार कर लेता है

5.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

5 mins • 1 pt

मन को एकाग्र करने के लिए सदैव एकान्तवास करना चाहिए - का क्या अर्थ है? (6.10)

सामाजिक दूरी के नियमों का पालन

कृष्णभावनामृत से रहित व्यक्तियों से किसी प्रकार का सरोकार न रखना

6.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

योगी का प्रमुख कर्तव्य क्या है? (6.10)

सदैव कृष्ण का चिन्तन करना चाहिए

एक क्षण के लिए भी उन्हें नहीं भुलाना चाहिए

अनुकूल परिस्थियों को ग्रहण करे

प्रतिकूल परिस्थितियों को त्याग दे

7.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

5 mins • 1 pt

Media Image

योगाभ्यास के लिए कैसे स्थान में बैठने की संस्तुति की गयी है? (6.11-12)

तथाकथित योगसमितियों के वातानुकूलित शिविर में

हजारों लोगों से खचाखच भरे स्टेडियम में

वेलवेट के मखमली गद्दे पर

पवित्र तीर्थस्थान में जहाँ यमुना तथा गंगा प्रवाहित होती हैं

Create a free account and access millions of resources

Create resources
Host any resource
Get auto-graded reports
or continue with
Microsoft
Apple
Others
By signing up, you agree to our Terms of Service & Privacy Policy
Already have an account?