व्याख्याः उपर्युक्त में से कथन (3) गलत है।
भारत में समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्य सभा और विधान परिषद (न कि विधान सभा) का चुनाव होता है।
इस प्रणली में किसी राजनीतिक दल को उतनी ही सीटें मिलती है जिस अनुपात/प्रतिशत में उसे मत प्राप्त होता है।
इस प्रणाली में मतदाता राजनीतिक दल को मत देते है, न कि उसके प्रत्याशी को। निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि वास्तव में राजनीतिक दल के प्रतिनिधि होते है।
ये प्रणाली दो प्रकार के होती हैः
(i) पूरे देश को एक निर्वाचन क्षेत्र मानना, जैसे, इज़राइल व नीदरलैंड।
(ii) पूरे देश को बहु-सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्र में बांटना, जैसे, अर्जेंटीना और पुर्त्तगाल।
एक निर्वाचन क्षेत्र से कई प्रतिनिधि चुने जा सकते है।
विजयी उम्मीदवार को मत का बहुमत (50% + 1) प्राप्त करना आवश्यक है।