Bhagavad Gita As It Is DAY-16 (3.33-42)

Bhagavad Gita As It Is DAY-16 (3.33-42)

KG - Professional Development

21 Qs

quiz-placeholder

Similar activities

General Quiz

General Quiz

5th - 12th Grade

21 Qs

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 55-56)

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 55-56)

KG - Professional Development

19 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-19 (4.20-29)

Bhagavad Gita As It Is DAY-19 (4.20-29)

KG - Professional Development

20 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-59 (16.11-20)

Bhagavad Gita As It Is DAY-59 (16.11-20)

KG - Professional Development

18 Qs

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 57-58)

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 57-58)

KG - Professional Development

24 Qs

स्वामी विवेकनंद प्रश्नोत्तरी-1

स्वामी विवेकनंद प्रश्नोत्तरी-1

1st - 12th Grade

20 Qs

Bhagvad Gita

Bhagvad Gita

1st Grade - Professional Development

20 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-36 (9.14-23)

Bhagavad Gita As It Is DAY-36 (9.14-23)

KG - Professional Development

23 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-16 (3.33-42)

Bhagavad Gita As It Is DAY-16 (3.33-42)

Assessment

Quiz

Life Skills, Philosophy, Special Education

KG - Professional Development

Practice Problem

Medium

Created by

Keśava Kṛṣṇa Dāsa

Used 36+ times

FREE Resource

AI

Enhance your content in a minute

Add similar questions
Adjust reading levels
Convert to real-world scenario
Translate activity
More...

21 questions

Show all answers

1.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

5 mins • 1 pt

Media Image

कृष्ण की माया के बन्धन से मुक्त होने का क्या उपाय है? (3.33)

केवल सैद्धान्तिक ज्ञान से आत्मा को शरीर से पृथक् जानना

पूर्ण कृष्णभावनाभावित होने से पहले नियत्कर्मों का त्याग

सहसा तथाकथित योगी या कृत्रिम अध्यात्मवादी बन जाना

यथास्थिति में रहकर कृष्णभावनामृत का श्रेष्ठ प्रशिक्षण

2.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

Media Image

ज्ञान की दृष्टि से विद्वान् होने पर भी प्रकृति के गुणों के प्रभाव से मुक्त क्यों नहीं हुआ जा सकता? (3.33)

तथाकथित अध्यात्मवादी भीतर-भीतर पूर्णतया प्रकृति के गुणों के अधीन रहते हैं

भौतिक प्रकृति की दीर्घकालीन संगति के कारण वह बन्धन में रहता है

कृष्णभावनामृत ही बन्धन से छूटने में सहायक होता है, भले कोई अपने नियत्कर्मों के करने में संलग्न क्यों न रहे

3.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

इनमें से किस मार्ग के पालन से व्यक्ति भौतिक बन्धन से मुक्त होकर कृष्णभावनामृत के पद पर आसीन हो सकता है? (3.34)

अनियन्त्रित इन्द्रिय-भोग

अनासक्त रहकर यम-नियमों का पालन करना

सभी प्रकार के नियमित इन्द्रिय-भोग के लिए आसक्ति

सदैव कृष्ण की प्रेमाभक्ति में कार्य करते रहने से

कृष्णभावनामृत से विरक्त होने से

4.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

Media Image

इनमें से ठीक वाक्य चुनिए | (3.34)

यौन-सुख मुक्त जीव के लिए भी आवश्यक है

पत्नी के अतिरिक्त सभी स्त्रियों को साली मानना चाहिए

राजमार्ग तक में दुर्घटना की संभावना बनी रहती है

यम-नियमों के नियन्त्रण पर पूर्ण विश्र्वास करना चाहिए

5.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

जैसे आध्यात्मिक कर्म गुरु द्वारा कृष्ण की दिव्यसेवा के लिए आदेशित होते हैं, वैसे ही भौतिक दृष्टि से नियतकर्म कैसे निर्धारित होता है? (3.35)

मनोवैज्ञानिक दशा के अनुसार

भौतिक प्रकृति के गुणों के अधीन

किसी प्रमाणिक निर्देशन के पालन द्वारा

देश, परिवार, स्वजनों की इच्छाओं के अनुसार

6.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

5 mins • 1 pt

किस स्थिति में एक क्षत्रिय ब्राह्मण की तरह और एक ब्राह्मण क्षत्रिय की तरह कर्म कर सकता है? (3.35)

जब मनुष्य प्रकृति के गुणों के वशीभूत हो

जब मनुष्य प्रकृति के गुणों को लाँघकर कृष्णभावनामृत में पूर्णतया लीन हो

7.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

5 mins • 1 pt

ब्रह्म में स्थित होने के कारण ही कौन पहले क्षत्रिय थे जो बाद में ब्राह्मण बन गए? (3.35)

विश्र्वामित्र

परशुराम

वशिष्ठ

जमदाग्नि

Create a free account and access millions of resources

Create resources

Host any resource

Get auto-graded reports

Google

Continue with Google

Email

Continue with Email

Classlink

Continue with Classlink

Clever

Continue with Clever

or continue with

Microsoft

Microsoft

Apple

Apple

Others

Others

Already have an account?